Real Time Operating System in Hindi – रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है

Real Time Operating System in Hindi, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है, Types of Real Time operating system in hindi, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य

नमस्कार दोस्तों हमारी वेबसाइट पर आपका एक दफा फिर से स्वागत है आज के इस लेख में हम Real Time Operating System In Hindi ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ) के बारे हम जानने वाले है।

साथ में जानेंगे की Types of Real Time Operating system in hindi, Advantages of Real time operating system in hindi, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के नुकसान आदि।

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम एक विशेष प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर और एंबेडेड सिस्टम में किया जाता है, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को सरल भाषा में RTOS भी कहा जाता है।

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रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टेंट कार्य को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को दी गई समय सीमा के अंदर ही अपने कार्य को पूरा करना होता है।

तो दोस्तों आज के इस लेख में हम यही जानने वाले हैं कि रियल ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है Real Time Operating System in hindi और इससे जुड़ी हुई सभी छोटी मोटी जानकारी।

दोस्तों अगर आपको भी रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी नहीं है तो आज का यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है, इस लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

Real Time Operating System In Hindi ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है )

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को RTOS के नाम से भी जाना जाता है, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग रियल टाइम एप्लीकेशन को संभालने के लिए किया जाता है यहां अपना का एक समय सीमा के भीतर पूर्ण करता है इसलिए यहां बहुत तेज है।

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग real-time अनुप्रयोगों को करने के लिए भी किया जाता है यानी उन अनुप्रयोगों के लिए जहां डाटा की प्रोसेसिंग एक निश्चित और बहुत कम समय में पूरी की जानी चाहिए।

यहां एक सामान्य कामकाजी कंप्यूटर से अलग होता है जहां समय के विचार को उतना महत्व नहीं दिया जाता जितना की रियल टाइम सिस्टम में समय की आवश्यकता होती है, रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्लॉक इंटरष्ट पर आधारित टाइम शेयरिंग सिस्टम।

इंटरष्ट सर्विस रूटिंग की सुविधा प्रदान करता है जिसे सिस्टम द्वारा लाया जाता है रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम किसी प्रक्रिया को निष्पादित करने के लिए प्राथमिकता का उपयोग करता है।

जब एक उच्च प्राथमिकता प्रोसेस सिस्टम में प्रवेश करता है तो सभी निम् प्राथमिकता प्रोसेस को हटा दिया जाता है ताकि उस उच्च प्राथमिकता वाली प्रक्रिया पर काम किया जा सके।

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम प्रक्रिया को सीकर नाइस करता है ऐसा इसलिए है ताकि वे एक दूसरे के साथ संवाद कर सके बिना समय बर्बाद किए यहां संसाधनों का कुशल तरीके से उपयोग किया जाता है।

ट्रैफिक सिग्नल को कंट्रोल करने के लिए भी रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है इसके अलावा परमाणु रिएक्टर नियंत्रण वैज्ञानिक प्रयोग चिकित्सा इमेजिंग सिस्टम औद्योगिक प्रणाली ईंधन इंजेक्शन सिस्टम घरेलू उपकरण कुछ ऐसे उदाहरण है।

जो रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं, तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि Real Time Operating systems in Hindi क्या है, अब हम जानेंगे रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार के बारे में।

Types of Real Time Operating system in hindi ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार )

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे उदाहरण सहित बताया है, तो चलिए दोस्तों अब हम जानते हैं रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार के बारे में – 

  • Hard Real Time Operating system
  • Soft Real Time Operating system
  • Firm Real Time Operating system

Hard Real Time Operating system ( हार्ड रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम)

हार्ड रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग उन महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए किया जाता हैं जिनमें क्विक रिस्पांस की आवश्यकता होती है अर्थात जिन कार्य में 1 सेकंड की भी देरी नहीं होनी चाहिए। 

क्योंकि सिर्फ 1 सेकंड की देरी होने पर बहुत ही बड़ा नुकसान हो सकता है, ऐसे कार्यों को करने के लिए रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है उदाहरण के माध्यम से समझिए।

उदाहरण – दोस्तों हार्ड रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किसी सैटेलाइट को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है जिसमें 1 सेकंड की देरी भी नहीं होनी चाहिए, जो कि एक बहुत बड़े नुकसान का कारण बन सकता है।

सिर्फ 1 सेकंड की ही देरी होने से सेटेलाइट अपने लक्ष्य से भटक सकती है और एक सेकंड में ही करो रुपए से बनाया गया सेटेलाइट बर्बाद हो सकता है इसीलिए इसमें हार्ड रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता है।

Soft Real Time Operating system ( सॉफ्ट रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम)

Soft real time operating system का प्रयोग ऐसे ट्टास्क को को पूरा करने के लिए किया जाता है जिनमें थोड़ी सी देरी होने पर नुकसान नहीं होता है, उन टास्क में थोड़ी देरी होने पर भी काम चल जाता है, अतः उन कार्यों में हम थोड़ी देरी भी स्वीकार कर सकते हैं।

उदाहरण – सॉफ्ट रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग एटीएम जैसी मशीन में किया जाता है, एटीएम मशीन में जब हम पैसे निकालने के लिए कोई कमांड देते हैं तो प्रोसेसिंग होने में कभी-कभी थोड़ा समय भी लग जाता है, और पैसे देरी से निकलते है।

और दिया गया टास्क देर से ही सही पर पूर्ण हो जाता है, और इसमें हमें किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि सॉफ्ट रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है।

Firm Real Time Operating system ( फर्म रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम)

Firm RTOS का प्रयोग करते समय हमें किसी टास्क को पूरा करने के लिए एक समय सीमा दी जाती है हमें उसका स्कोर को उस समय सीमा के अंदर पूर्ण करना होता है, अगर वह टास्क दी गई समय सीमा के अंदर वह पूर्ण नहीं होता है, तो इसमें किसी प्रकार का नुकसान नही होता है।

उदाहरण – दोस्तो आमतौर पर Firm RTOS का इस्तेमाल मोबाइल एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए किया जाता है, इसमें किसी भी प्रकार की देरी हो जाती है तो कोई नुकसान नही होता है।

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दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं अब हम जानेंगे रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य के बारे में।

Functions of Real time operating system ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य )

 

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य के बारे में हमने आपको नीचे बिंदुओं के माध्यम से बताया है जो कुछ इस प्रकार है –

  1. एप्लीकेशन आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रो प्रोसेसर और अन्य सिस्टम संसाधनों का प्रबंधन करना।
  2. प्रक्रियाओं के बीच डेटा को कुशल तरीके से स्थानांतरित करना ताकि इन प्रक्रियाओं के बीच सहयोग स्थापित किया जा सके।
  3. सिस्टम इवेंट के साथ सिंक्रोनाइज करना तथा उनका जवाब देना।
  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग होना चाहिए, इसलिए उनका मूल कार्य सीपीयू मेमोरी एवं समय जैसे कुछ संसाधनों का प्रबंधन करना है।
  5. काम बेहतर तरीके से करने के लिए प्रत्येक संसाधनों को प्रोसेस साझा किया जाना, जिनके कुछ फंक्शन है जैसे 
  6. RAM को ठीक से Manage करना।
  7. कंप्यूटर संसाधनों के लिए एक्सेस प्रदान करना।

तो दोस्तों बात समझ ही गए होंगे कि रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के क्या कार्य होते हैं अब हम जानेंगे रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण के बारें में।

Real Time Operating Systems Example in hindi ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण ) 

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताया है उन्हें पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कहा किया जाता है।

  • हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली ।
  • एयरलाइन आरक्षण प्रणाली ।
  • रडार जैसे सुरक्षा उपकरण ।
  • ऐसे सिस्टम जो तत्काल सूचना प्रदान करते हैं।
  • ऐसे सिस्टम जो शेयर मार्केट की छोटी से छोटी चीजें भी बताते हैं।

तो दोस्तों यार सभी रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण नहीं अब हम जानेंगे रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदों के बारे में।

Advantages of Real time operating system in hindi ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के लाभ ) 

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के बहुत सारे फायदे हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बिंदुओं के माध्यम से बताया है, जो इस प्रकार है – 

  1. यह सिस्टम बहुत सटीक नतीजे देता है इसमें Error होने की संभावना कम होती है।
  2. यह सिस्टम डिवाइस में ऑपरेट किया जाता है, उस डिवाइस के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का अच्छी तरह से यूटिलाइज करता है।
  3. इस ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमोरी को एलोकेट करना आसान है।
  4. यह एक काम से दूसरे काम में सिफ्ट होंने में बहुत कम समय लेता है, लगभग 3 माइक्रो सेकंड का।
  5. रियल टाइम ऑपरेटिंग को मेंटेन करना बहुत ही आसान है।

तो दोस्तो अब आप समझ ही गए होंगे की रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के क्या फायदे है, अब हम जानेंगे रियल टाइम ऑपरेटिंग के नुकसान के बारे में।

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Disadvantages of Real time operating system ( रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के नुकसान ) 

दोस्तों रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे के साथ साथ उसका नुकसान भी हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बिंदुओं के माध्यम से बताया है, जो इस प्रकार है – 

  1. RTOS में किसी रियल टाइम एप्लिकेशन को विकसित करने में बहुत ज्यादा पैसे खर्च होते है, मतलब यह बहुत ही एक्सपेंसिव होता है।
  2. यह ऑपरेटिंग सिस्टम काफी ज्यादा जटिल होते है।
  3. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को कार्य करने के लिए स्पेशल डिवाइस की जरूरत होती है।
  4. RTOS में बहुत सारे टास्क एक साथ में रन नहीं हो सकते।
  5. RTOS में बहुत ज्यादा मात्रा में सीपीयू का इस्तेमाल किया जाता है इस वजह से सीपीयू को बार-बार मैनेज करके रखना पड़ता है।
  6. इसकी एल्गोरिथम में बहुत ज्यादा कठिन होती है। 
तो दोस्तों अब आप समझ ही गए होंगे कि रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के क्या क्या नुकसान है और साथ में आप यहां भी जान चुके हैं कि Real Time Operating System in Hindi रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है।

 

RTOS से संबंधित FAQS

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम से आप क्या समझते हैं?

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम को मुख्य रूप से एक समय सीमा के भीतर कार्य करने के लिए विकसित किया गया है, यहां दिए गए समय के अंदर ही अपना कार्य पूर्ण कर लेता है।

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता क्यों है?

दोस्तो आमतौर पर रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता किसी भी दिए गए टास्क को एक समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के लिए किया जाता है।

रियल टाइम कौनसा ऑपरेटिंग सिस्टम है?

RTOS एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल रियल टाइम एप्लीकेशन को हैंडल करने के लिए किया जाता है।

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